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 खुशियों की नव-ज्योत जगाएँ, नए साल में। 
उत्सव मिलकर आज मनाएँ, नए साल में।  
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कल खोया तो, अब पाने को, डटे रहें हम  
भूल पुराना नव अपनाएँ, नए साल में।  
1 
काल न रोके कभी रुका, यह सत्य सनातन  
साथ उसी के बढ़ते जाएँ, नए साल में।  
1 
हार-जीत कब हाथ हमारे, फिर क्या डरना  
अविजय को जय करके आएँ, नए साल में।  
1 
रात उजालों से हारी, हैं सदियाँ साक्षी  
तमस काट नव-दीप जलाएँ, नए साल में। 
1 
धार इरादों की तीखी हो, प्रण हों पुख्ता  
काँटों में भी राह बनाएँ, नए साल में।  
1 
शुभ कर्मों से हासिल कर सम्मान "कल्पना"  
भारत माँ की शान बढ़ाएँ, नए साल में। 
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- कल्पना रामानी  |