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अनुभूति में द्विजेन्द्र द्विज की रचनाएँ -

औज़ार बाँट कर
कहाँ पहुँचे
कोई बरसता रहा
ज़रा झाँक कर
दिलों की उलझनों से
बंद कमरों के लिए
मिली है ज़ेह्न-ओ-दिल को बेकली
मोम-परों से उड़ना
सामने काली अंधेरी रात
वो नज़र में

 

वो नज़र में

वो नज़र में नज़ारा नहीं है
और कोई तमन्ना नहीं है

सच बयाँ तुम करोगे भला क्या
तुमने कुछ भी तो देखा नहीं है

शे'र कहता हूँ वरना समन्दर
कूज़े में यूँ सिमटता नहीं है

ज़िन्दगी है सफ़र धूप का भी
बरगदों का ही साया नहीं है

नाख़ुदाओं की है मेहरबानी
कश्तियों को किनारा नहीं है

३० जून २००८

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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