अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में डॉ. नमन दत्त की रचनाएँ-

अंजुमन में-
इश्क आज़ार
और कितने ज़ख़्म
क्या बतलाएँ
खुद को ग़म
ज़रा सी बात

  क्या बतलाएँ

क्या बतलाएँ कैसे गुज़र की
रोते रोते उम्र बसर की

टूट गए पैमाने अक्सर
तूने जब भी एक नज़र की

बयाँ कर रहीं एक सानिहा
गालियाँ इस वीरान शहर की

आज हर इक तूफां के लब पर
बातें हैं उस एक लहर की

अमृत था पानी जिसका, वो –
नदी बन गई एक ज़हर की

रात कह रही चीख़-चीख़ के
है तलाश पुरकैफ़ सहर की

ग़ज़ल बन गया उसका चेहरा
आज मिली है दाद हुनर की

“साबिर” उनका नूर जो देखा
आँख झुक गई शम्सो-क़मर की

१८ जुलाई २०११

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter