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अनुभूति में संगीता गोयल की रचनाएँ-

जीवन का अर्थ
जो हट कर रहा है
प्रश्न
सम्प्रति
तीन छोटी कविताएँ

संकलन में
हाथ में प्याला - 'गाँव' में अलाव में

 

जीवन का अर्थ
(अमीन के लिए)

जीवन का अर्थ क्या?
-मैंने पूछा,
सब माया है
-उसने कहा।
उसने उँगली
ऊपर की तरफ उठाई
वो मानता है
मैंने नहीं
उसने सिगरेट जलाई
मेरी तरफ देखा
हँसा
कहा कुछ नहीं
उसकी छोटी सी हस्ती
ठंड से सिमटी हुई
धुआँ छोड़
कॉफी के
दो घूँट लिए
हम रेस्त्रां के बाहर
कुर्सियों पर बैठे
दर्द सी रहे थे।

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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