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राधेश्याम बंधु

जन्म : १० जुलाई १९४० को पडरौना उत्तर प्रदेश भारत में
लेखन : नवगीत, कविता, कहानी, उपन्यास, पटकथा, समीक्षा, निबंध
प्रकाशित कृतियाँ-
काव्य संग्रह :
बरसो रे घन, प्यास के हिरन
खंडकाव्य : एक और तथागत
कथा संग्रह : शीतघर
संपादित :जनपथ, नवगीत, कानपुर की काव्ययात्रा, समकालीन कविता, समकालीन कहानियाँ, नवगीत और उसका युगबोध। इसके साथ ही आपकी रचनाएँ भारत की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से प्रकाशित प्रसारित हो चुकी हैं। वे 'समग्र चेतना' नामक पत्रिका के संपादक भी है।
पुरस्कार : भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 'एक और तथागत' के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के 'जयशंकर प्रसाद पुरस्कार' तथा हिन्दी अकादमी दिल्ली द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित।
टेली फ़िल्में : बन्धुजी अपनी कथा/पटकथा पर आधारित ३ टेली-फ़िल्में- 'रिश्ते', 'संकल्प' और 'कश्मीर एक शबक' तथा 'कश्मीर की बेटी' धारावाहिक बना चुके हैं।
सम्प्रति : सहायक महाप्रबन्धक दूरसंचार किदवई भवन नई दिल्ली के पद से २००० में सेवा निवृत्त

 

अनुभूति में राधेश्याम बंधु की
रचनाएँ-

नए गीतों में-
मौन को उत्सव बनाओ
यादों की खुशबू
यादों की निशिगंधा
ये सफेदपोश बादल
रिश्तों का अहसास

गीतों में-
क्यों नदियाँ चुप हैं
कजरारे बादल
जेठ की तपती दोपहरी में
धान रोपते हाथ
धैर्य का कपोत
निष्ठुर बादल
प्यासी नदी
बहुत घुटन है
भारत क्यों प्यासा
शब्दों के पंख

संकलन में-
रूप बादल हुआ

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