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अनुभूति में डा. राजेंद्र गौतम की रचनाएँ— 

अंजुमन में-
क्या कम है
किस कदर सहमा हुआ है
जब हदों से
तब जब सब कुछ बिकता है
नहीं होते

गीतों में-
क़स्बे की साँझ
चिड़िया का वादा
द्वापर प्रसंग
पाँवों में पहिए लगे
पिता सरीखे गाँव
बरगद जलते है

मुझको भुला देना
मन, कितने पाप किए
महानगर में संध्या
वृद्धा-पुराण
शब्द सभी पथराए
सलीबों पर टंगे दिन

दोहों में-
बारह दोहे

  क्या कम है

देखा इतना क्या कम है
रिश्ता इतना क्या कम है

माना दरिया हो न सका
पिघला इतना क्या कम है

घर तक आना-जाना है
रिश्ता इतना क्या कम है

हैवानों की बस्ती थी-
जूझा इतना क्या कम है

२७ सितंबर २०१०

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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