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२४. २. २००७

विज्ञापन में हाथी


तरह-तरह के विज्ञापन के कपड़ों से ढका हुआ हाथी
भिक्षा नहीं माँगेगा किसी से

वो चलेगा अपनी मस्त चाल से
बतलाता हुआ, शहर में ये चीज़ें भी मौजूद हैं
जिन्हें पहुँचाया तक जा सकता है
घर तक मिनटों में।

वह बढ़ता है सड़क के दोनों ओर स्थित
पेड़ों के बीचो-बीच से
अपना खाना चुराता हुआ।

महावत को गर्व है
नहीं जाना पड़ेगा उसे घर-घर माँगने
भीड़ भरी सड़कों पर करता रहेगा वह यात्राएँ
और कौतूहलवश लोग उसे देखते रहेंगे।

धीरे-धीरे दरें भी बढ़ती जाएँगी
और हाथी अकसर दिखाई देते रहेंगे
जंगल छोड़कर सड़कों पर।
यह उनका अच्छा उपयोग।

—नरेश अग्रवाल

इस सप्ताह

छंदमुक्त में-
नरेश अग्रवाल, डॉ. हृदय नारायण उपाध्याय, बिंदु भट्ट और विजय कुमार श्रीवास्तव 'विकल'

मुक्तक में-
ओम प्रकाश नौटियाल

अंजुमन में-
नीरज गोस्वामी

पिछले सप्ताह

हाइकु में-उर्मिला कौल

इस माह के कवि में-डा. राजेंद्र गौतम

प्रेमगीतों में- महावीर शर्मा, उमाकांत मालवीय, सुनील जोगी और भगवतीचरण वर्मा

क्षणिकाओं में- प्रेम माथुर

गीतों में- पूर्णिमा वर्मन

छंदमुक्त में- श्यामल सुमन, पं. जयदेव वशिष्ठ, गुरमीत बेदी, इला प्रसाद, दीपक राज कुकरेजा, डॉ. शिवदेव मन्हास, नचिकेता और डॉ सरस्वती माथुर

अंजुमन में- शंभूनाथ तिवारी

हास्य व्यंग्य में- डॉ. अशोक चक्रधर

नई हवा में-  मृदुला जैन, सचिन त्रिपाठी और अविनाश अग्रवाल

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक माह की १–९–१६ तथा २४ तारीख को परिवर्धित होती है।

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प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी