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अनुभूति में अनिरुद्ध सेंगर की रचनाएँ-

अंजुमन में-
आपके शहर का काम
क्योंकर तुम्हें गुमान
दिल के सोये हुए जज़्बात
दिल मेरा
हम क्या बताएँ
 

 

आपके शहर का काम

आपके शहर का काम अच्छा लगा
प्रेम-उल्फ़त का पैग़ाम अच्छा लगा

कैकयी को भरत से भी ज़्यादा कहीं
सौत का पुत्र भी राम अच्छा लगा

माँ के चरणों में हैं स्वर्ग के सुख सभी
चारों धामों से ये धाम अच्छा लगा

कर्म ही मेरी पूजा है अय दोस्तो
कौन कहता है आराम अच्छा लगा

क्रांति के भी लिए शान्ति के भी लिए
हमको ‘अनिरुद्ध’ का नाम अच्छा लगा

३० जून २०१४

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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