अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में अशोक अंजुम की रचनाएँ

नए दोहे-
घुटी घुटी सी कोठरी

दोहों में-
पानी नदिया प्यास

अंजुमन में-
आँसू
गोली की मेहरबानी
धमकियाँ हैं
वो मुझको आँख भरकर
सयानी बिटिया

 

 

 

सयानी बिटिया

जबसे हुई सयानी बिटिया
भूली राजा-रानी बिटिया

बाज़ारों में आते-जाते
होती पानी-पानी बिटिया

जाना तुझे पराये घर को
मत कर यों मनमानी बिटिया

किस घर को अपना घर समझे
जीवन-भर कब जानी बिटिया

चॉकलेट भैया को भाये
पाती है गुड़धानी बिटिया

सारा जीवन इच्छाओं की
देती है कुर्बानी बिटिया

चौका, चूल्हा, झाडू, बर्तन
भूल गई शैतानी बिटिया

हल्दी, बिछूए, कंगल मेंहदी
पाकर हुई बिरानी बिटिया

१५ सितंबर २००८

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter