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अनुभूति में जया नरगिस की रचनाएँ—

कविताओं में-
कामयाबी का नग़मा
गीत मेरे
तमाशा
भाषा स्पर्श की
शगल

अंजुमन में-
आँगन की धूप
एक सच
खुशियाँ घायल
पतझड़ में बहारों की महक
शरद का चाँद
हैं अंधेरे

संकलन में-
धूप के पाँव-एक गठरी आग

कामयाबी का नग़मा

कदम ज़मीं पे नज़र आसमान पर रखना
ये कामयाबी का नग़मा ज़बान पर रखना।

हमारी एकता का धन न लूट पाए कोई
समग्र शांति का सपन न लूट पाए कोई
निसार जानो-तन हिंदोस्तान पर रखना
ये कामयाबी का नग़मा ज़बान पर रखना।

न मुश्किलों से डरेंगे न मेहनतों से कभी
ख़रीदे जाएँगे हरगिज़ न दौलतों से कभी
वतन भरोसा अपने नौजवान पर रखना।
ये कामयाबी का नग़मा ज़बान पर रखना।

कहीं न भूख का घर हो न कहीं जंग का राज
न कल ग़रीबी का हो और न नफ़रतों का हो आज।
मोहब्बतों की हुकूमत जहान पर रखना
ये कामयाबी का नग़मा ज़बान पर रखना।

१६ अगस्त २००६

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