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सुख का सूरज
सुखद स्मृतियाँ

 

हर्ष और विषाद

सूखे खेतों की दरारें
और किसानों के फटें होंठ
बता रहे हैं कि दोनों को
बहुत दिनों से नमी नसीब नहीं
छप्पर वाले घर से निकलता धुआँ
आज कई दिनों बाद
उस घर में जला है चूल्हा
उस घर के मालिक की
भुखमरी से मौत हुई है आज
आज ही, सरकार ने दिया है अनाज

१३ अप्रैल २०१५
 

 

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