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अनुभूति में डॉ. पद्मा सिंह की रचनाएँ

कविताओं में
अधिकार
नीड़
बिना पाल वाली नाव
बसंत के इंतज़ार में
मैं तुम्हारी बेटी हूँ
शब्द की हथेलियों में

` अधिकार

जिसके पास अधिकार है
वह समझता है
अलादीन का चिराग

रगड़ता है बारम्बार धरती से
फिर उम्मीद करता है
उस जिन्न की
निकलेगा जो धुएँ से
और कहेगा
क्या हुक्म है मेरे आका

वह बदल देगा
पल भर में
धरती को आसमान में
आसमान को धरती में।

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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