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अनुभूति में सत्यनारायण सिंह की रचनाएँ-

दोहों में-
आ गया पावन दशहरा
प्रेम दस दोहे
प्रेम दस और दोहे
प्रेम इक्यानवे दोहे

गीतों में-
अमर मधुशाला
कहाँ छिपे चितचोर
स्वतंत्रता दिवस पर

क्षणिकाओं में-
क्षण, सुख-दुख, प्रेम, प्रार्थना

संकलन में-
होली - होली की संध्या
      शुभकामना
गुच्छे भर अमलतास - सोनहली के सोनपुष्प
                  जेठ माह की दोपहरी
पिता की तस्वीर - जीवनदाता
ज्योतिपर्व-   आओ ज्योतिपर्व मनाएँ
           दीप का संदेश
           दीप प्रकाश
           दिवाली दोहे
           तेरा मेरा नाता
जग का मेला-
दीदी गौरैया
नया साल- नव वर्ष का स्वागत करें
       - नव वर्ष के हे सृजनहार

  प्रेम : दस दोहे

प्रेम ना शब्दों में नपे, तुला सके ना तोल
ओछो कोश कुबेर को, प्रेम भाव अनमोल

प्रेम भाव अति सहज है, स्वार्थ त्याग से दूर
कंटक चुभे जिमि और पग, नयन और के पूर

थोथा आकर्षण वही, नयनन रहै समाय
नयन-हृदय दोऊ बसै, प्रेम सोई कहलाय

सूरज की पहली किरण, शिशु भोली मुस्कान
सागर की विस्तीर्णता, मृदुल प्रेम पहचान

ढूँढ़े प्रेम न मिलत है, प्रेम क्षितिज समान
प्रेम मिलन संयोग का, कठिन गूढ अनुमान

ढाई आखर प्रेम का, कहत न लागै देर
उमर सिरानी खोज जेहिं, जगत न पायो हेर

आँख कान अरू हाथ पग, मन मानस के तार
पिय हित लखि सब विधि करे, प्रेम मान आधार

आशाओं के शाख पर, संग लिए विश्वास
कुसुमित प्रेम बिखेरता, मोहक मधुर सुवास

व्यक्त होत नहीं शब्द में, प्रेम के बोल अबोल
नयन कहत मन सुनत है, अंतर के पट खोल

प्रेम ढिढोरा न पीटिये, परख लीजिये साज
वाणी कुछ ना कहत पर, नयन खोलते राज

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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