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अनुभूति में श्वेता गोस्वामी की
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कौन कहता है
तू नहीं है तेरी तलाश तो है
फ़ैसला

छंदमुक्त में-
कविता
जीवन
मेरी जां हिन्दुस्तान
वक्त
विचारवान लोग
संभावना

 

विचारवान लोग

सभा विसर्जित हो गई
सब चले गए
अपने-अपने ठौर
रह गई धूल
पांवों झड़ी हुई
उन विचारों के साथ
जो धूल में मिला कर
छोड़ गए हैं
विचारवान लोग।

१ फरवरी २००६

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