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अनुभूति में सुरेश यादव की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
चार छोटी कविताएँ
चाहता हूँ जब
ज़मीन
ताजमहल
माटी का घड़ा
यह शहर किसका है
रिश्ते
रोमानी बोध
शहर नंगा हुआ
सत्य
 

 

यह शहर किसका है

नंगे पाँव
भटकने को मजबूर
ये बच्चे भी
इसी शहर के हैं
और
जलती सिगरेटें
रास्तों पर फेंकने के आदी
ये लोग भी
इसी शहर के हैं
ये शहर किसका है?
जब-जब मेरा मन पूछता है
जलती सिगरेट पर पड़ता है
किसी का नन्हा पांव
और
एक बच्चा चीखता है!

१ अक्तूबर २००६

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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