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अनुभूति में ललित अहलूवालिया 'आतिश' की रचनाएँ—

गीतों में-
कामिनिया
चल कहीं और चलें
चलो रहने दो
दिल के आइने से
बात बनाए रखना

 

बात बनाए रखना

आने जाने का सही, साथ बनाये रखना
चाँद लमहों की मुलाक़ात बनाये रखना


तुम मेरे पास हो,
गर यूं नही, ख्वाबों में सही
ये भरम मुझ पे हेर-इक रात बनाये रखना

मुझसे मिलती है हवा,
छू के तुम्हारा आँचल
ये महकते हुए हालात बनाए रखना

ग़ैर के साथ भी
गलियों से गुज़रते हो मेरी
मेरा अहसास, ये जज़बात, बनाए रखना

तुम मेरे हो,
के ना हो, शर्त नही, रंज नही
बात इतनी सी है, बस बात बनाये रखना

१० अक्तूबर २०११

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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