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अनुभूति में नीलम जैन की
रचनाएँ —

गीतों में-
बर्फ
बसंत
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
माँ होना और माँ का होना

अंजुमन में —
ऐ सितारों
बेसबब
समझ बैठे

संकलन में —
धूप के पाँव– दोपहर
वर्षा मंगल– सावन का बदरा
प्रेमगीत– राधा कर देना
गुच्छे भर अमलतास– अलसा महीना
तुम्हें नमन– श्रद्धांजलि
ज्योति पर्व– दीप जलाएँ
 एक दीप तुम्हारा भी है
होली है– ऋतु होली की आई
 – रंग उड़ाती आई होली

काव्यचर्चा में —
यों हुई शुरुआत

बसंत

उज्जवल काया मुक्त गगन पर
छवि सूरज की लगती प्यारी
भीगे इन्द्रधनुष पर किरणें
झूम–झूम जायें बलिहारी

प्रस्फुटित बीज हौले–हौले
धरती में अखियाँ खोलें
बूझ रहे पुरवाई का
आमंत्रण अँगड़ाइयाँ ले

आई बंसत संदेश ये ले के
रोम– रोम जागेगी धूप
खिलकर नाच उठेगा उपवन
नटखट हो फूलों का रूप

डाल पात कोपल कलियाँ
महकेंगी मन की गलियाँ
डोल रहे मधुकर तितली
बात कहें चंचल रसिया

 

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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