अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'

 

जन्म : ८ दिसंबर १८९७ को मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले में।

शिक्षा : मैट्रिक तक

स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, नौ वर्ष तक जेल में रहे। कवि, गद्यकार और अद्वितीय वक्ता पं. बालकृष्ण शर्मा नवीन के विषय में रामधारी सिंह 'दिनकर' जी ने लिखा है- 'जब उस नर शार्दूल के बोलने की बारी आती, तो बादलों में दरारें पड़ जातीं, छतें चरमराने लगतीं और सत्य का प्रकाश खुल कर अपने स्वाभाविक रूप में सामने आ जाता।'

उनका देहावसान २९ अप्रैल १९६० को हुआ।

 

अनुभूति में बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' की रचनाएँ-

गीतों में-
असिधारा पथ

ओस बिंदु सम ढरके
प्राप्तव्य
फागुन
भिक्षा
मधुमय स्वप्न रंगीले
मेह की झड़ी लगी
सदा चाँदनी
साजन लेंगे जोग री
हम अनिकेतन
विप्लव गायन
हिंडोला

अन्य छंदों में-
मन मीन

दोहों में-
सोलह दोहे

संकलन में-
वर्षा मंगल - घन गरजे

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter