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                  देश के सपने फूलें 
                  फलें देश के सपने फूलें 
                  फलें 
                  प्यार के घर घर दीप जले 
                  देश के सपने फूलें फलें 
                  देश को हमें सजाना है 
                  देश का नाम बढ़ाना है 
                  हमारे यत्न, हमारे स्वप्न, 
                  बाँह में बाँह डाल कर चलें 
                  देश के सपने फूलें फलें 
                  देश की गौरव वृद्धि करें 
                  प्रगति पथ पर समृद्धि करें 
                  नहीं प्राणों की चिंता हो 
                  नहीं प्रण से हम कभी टलें 
                  देश के सपने फूलें फलें 
                  साधना के तप में हम तपें 
                  देश के हित चिन्तन में खपें 
                  कर्म गंगा बहती ही रहे 
                  निरन्तर हिम जैसे हम गलें 
                  देश के सपने फूलें फलें 
                  हमारी साँसों में लय हो 
                  हमारी धरती की जय हो 
                  साधना के प्रिय साँचे में 
                  हमारे शुभ संकल्प ढलें 
                  देश के सपने फूलें फले  
                  १६ जून २००५   |