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अनुभूति में शिवानंद सहयोगी की रचनाएँ-

गीतों में-
जब से पेड़ कटा
पैसा एक प्रमेय
मन ठीक नहीं है
मौसी के अमरूद के पास
रोटी का अनुलोम-विलोम

 

 

जब से पेड़ कटा

जब से पेड़ कटा बरगद का
शहर दिखाई देता घर से

चमगादड़ के गाँव उजड़कर
किसी अपरिचित देश जम गये
घुघुआ के परिवार बिछड़कर
भेष बदलकर कहीं रम गये

झूले हैं बरोह के अनमन
नहीं निकलती डाली डर से

सुना किसी से रात उनींदी
दुविधा बैठी है कोने में
खड़ी हुई है खिड़की छत पर
पूरा अंग लदा सोने में

फसलों की हरियाली पत्थर
उतर गया है पानी सर से

जहाँ दुपहरी थकन मिटाती
चिड़ियों का आना-जाना था
मदिर हवा के पंख लगे थे
छाया का ताना-बाना था

उपनिवेश के इस अमृत से
दुष्प्रभाव का ओला बरसे

१ जुलाई २०१६

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