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अनुभूति में शिवानंद सहयोगी की रचनाएँ-

गीतों में-
जब से पेड़ कटा
पैसा एक प्रमेय
मन ठीक नहीं है
मौसी के अमरूद के पास
रोटी का अनुलोम-विलोम

 

 

मन ठीक नहीं है

भावों के बादल छितराये
गीतों का मन ठीक नहीं है

बिंब प्रतीक इकट्ठे होकर
शब्दों के टोले में आये
व्यंजन को कंधों पर लादे
पीड़ा के डोले ले आये

रचना अँधियारे में उठँगी
जलता कोई दीप नहीं है

अभी लक्षणा मुँह धोकर ही
उठकर बैठी खाट बिछाकर
गये व्याकरण को बुलवाई
विवरण पर विश्वास जताकर

लय-यति-गति की अनुध्वनियाँ हैं
पर समास का सील नहीं है

चलित विशेषण मौन खड़े हैं
संज्ञाओं में मेल-मिलाई
सर्वनाम खिड़की से झाँके
हँसे श्लेष की नई लुगाई

वाणी उखड़ी एक सड़क है
पगडंडी की लीक नहीं है

१ जुलाई २०१६

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