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अनुभूति में शिवानंद सहयोगी की रचनाएँ-

गीतों में-
जब से पेड़ कटा
पैसा एक प्रमेय
मन ठीक नहीं है
मौसी के अमरूद के पास
रोटी का अनुलोम-विलोम

 

 

पैसा एक प्रमेय

अर्थतंत्र की नव ज्यामिति का
पैसा एक प्रमेय

जन गण मन के खण्डकाव्य को
कब तक पढ़े कबीर
लूटतंत्र को कब तक झेले
रोली और अबीर

चारों ओर असुविधा पथ पर
गाती छंद अगेय

धर्म जाति की ईंट-ईंट पर
वोटनीति की धूप
धुँधला-धुँधला सा दिखता है
लोकतंत्र का रूप

असमंजस के गहरे बादल
कुरसी हुई अमेय

अवमूल्यन के गुणा-भाग में
हुई व्यवस्था तंग
कितने दिन तक लड़े भुखमरी
आत्मघात की जंग

ऐसा कभी न होनेवाला
करजा बने अदेय

१ जुलाई २०१६

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