अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में विप्लव जी की रचनाएँ-

गीतों में-
गोधूलि निकट
गोधूलि वेला
जीवन की शाम
झरनों जैसे बैन
रूह चाहती गात
 


 

 

जीवन की शाम

उषा काल सी लगती
जीवन की शाम
रंग रूप पक्षी स्वर
गगनाँगन धाम

प्राची से क्षितिज तलक
विस्तृत आकाश
छोटी तरु फुनगी से
उड़ती अभिलाष
कदम कदम यात्रा नभ
लिखती निज नाम
किसकी है नियति रात्रि
है किसकी घाम

स्वप्न मछलियाँ तैरें
व्याकुल मछुवारा
बंशी ही रही आस
हारा बेचारा 
धुन में ही भूल गया
शेष बचे काम
आयु अल्पना जैसी
भ्रामक परिणाम  

१ अप्रैल २०२३

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter