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अनुभूति में योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' की रचनाएँ

नए गीतों में-
आना जाना छोड़ दिया
उलझी वर्ग पहेली जैसा
छोटा बच्चा पूछ रहा है
पुरखों की यादें
रिश्ते बने रहें

गीतों में-
आज अपने गाँव में
इच्छाएँ सारी
कॉलोनी के लोग
धीरे धीरे
पीतलनगरी मुरादाबाद के लिये
मुश्किल भरे कँटीले पथ पर

संकलन में-
ममतामयी- कैसी है अब माँ
 

 

धीरे धीरे

धीरे-धीरे सूख रही है
तुलसी आँगन में

पछुवा चली शहर से, पहुँची
गाँवों में घर-घर
एक अजब सन्नाटा पसरा
फिर चौपालों पर
मिट्टी से जुड़कर बतियाना
रहा न जन-जन में

स्वांग, रासलीला, नौटंकी,
नट के वो करतब
एक-एक कर हुए गाँव से
आज सभी गायब
कहाँ जा रहे हैं हम, ननुआ
सोच रहा मन में

नये आधुनिक परिवर्तन ने
ऐसा भ्रमित किया
जीन्स टॉप में नई बहू ने
सबको चकित किया
छुटकी भी घूमा करती नित
नूतन फ़ैशन में

६ सितबंर २०१०

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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