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नए साल में देश के, पूरे हों अरमान 
भूखों को रोटी मिले, नारी को सम्मान
  
 
नए साल में भी करें, मिलकर ऐसे काज 
नारी की गरिमा बढे, जागे सुप्त समाज 
  
 
ज़ख्म बहुत से दे गया, अबके बीता साल 
खुदा करे नववर्ष में, रहें सभी खुशहाल 
  
 
करते हम नववर्ष से, बस इतनी उम्मीद 
रहे दिवाली रात को, हर दिन होवे ईद 
  
 
नव-भारत निर्माण का, जारी है संघर्ष 
संबल देने आ गया, देखो नूतन वर्ष 
  
 
नए साल में हम करें, रब से ये फ़रियाद 
नेक काम में वो करे, हम सब की इमदाद 
  
 
रब से नूतन वर्ष में, करें यही अरदास 
अमन चैन हो देश में, फलें सभी की आस 
  
 
- रघुविन्द्र यादव  |