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अनुभूति में डॉ. हरदीप संधु की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
गधा कौन
मिट्टी का घरौंदा
मेरे गाँव की फिरनी
रब न मिला

हाइकु कविता

हाइकु में-
सात हाइकु

 

 

 

 

सात हाइकु

शहर बन्द
सूनी हुईं सड़कें
दिल में क्रोध

रात अँधेरी
सर्दी देती पहरा
बापू की खाँसी

ओटे के चित्र
यादों में चहकते
चिड़िया और तोते

ऊँचे मकान
रेशम के हैं परदे
उदास लोग

कर्म से सजे
सबसे सुन्दर हैं
सर्जक हाथ

पत्र जो मिला
लगा बहुत पास
दूर का गाँव

लाडो बनाए
भारत के नक़्शे -सी
पहली रोटी

२० दिसंबर २०१०

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