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अनुभूति में अभिनव शुक्ला की रचनाएँ -
गीतों में-
अंतिम मधुशाला (हरिवंशराय बच्चन को श्रद्धांजलि)

अपने दिल के हर आँसू को
आवाज़ें

नहीं बयान कर सके
बांसुरी
वक्त तो उड़ गया
शान ए अवध
है बड़ी ऊँची इमारत

ज़िन्दगी है यही

हास्य-व्यंग्य में -
इंटरव्यू
काम कैसे आएगी
गांधी खो गया है
जेब में कुछ नहीं है
मुट्टम मंत्र
विडंबना

संकलन में
ज्योति पर्व -वो काम दिवाली कर जाए
                खुशियों से भरपूर दिवाली
गाँव में अलाव - कैसी सर्दी
प्रेमगीत - भावों के धागों को
गुच्छे भर अमलतास
नया साल-अभिनव नववर्ष हो
ममतामयी-मेरा आदर्श

 

इंटरव्यू

कर के पूर्ण रूप से खौफ़नाक तैयारी,
जब एक सरकारी पोस्ट के लिए,
इंटरव्यू देने पहुँचे,
अभिनव बिहारी,
तो देखते हैं,
कि इंटरव्यू लेने के लिए बैठे हैं,
चार पुरुष एक नारी,

हमने सबको साक्षात प्रणाम किया,
और आसन ग्रहण कर लिया,
देवी जी ने पहला प्रश्न किया कि,
'अपना जीवन परिचय दीजिए।'
हमने उन्हें बतलाया कि,
हमारा जन्म,
पटना के पास एक छोटे से गाँव में हुआ है,
और किसी भी मास्टर नें हमें,
कभी हाथ से नहीं,
सदा संटियों से छुआ है,
अभी हम अपना उत्तर पूरा भी ना कर पाए थे कि,
वो हमे बीच में टोकती हुई बोली,
'नहीं नहीं अपनी शिक्षा के विषय में कुछ बतलाइए।'

हमने उन्हें बतलाया कि हमने बहुत पढ़ाई की है,
तीन साल हाईस्कूल,
चार साल इंटर,
और पिछले छह सालों से,
बी. टेक. में कमर टेक रखी है।

एक सज्जन नें कहा,
'अच्छा अच्छा तो आप,
विद्युत शाखा के अभियंता हैं,
मतलब कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं,
यह बताइए कि बिजली के विषय में,
आप क्या जानते हैं।'

हमने कहा कि,
बिजली के विषय में तो हम,
सबकुछ जानते हैं,
और उससे जुड़ी हुई प्रत्येक वस्तु को,
भली भाँति पहचानते हैं,
छह वर्षों से इंजनियरिंग में,
खाक थोड़े ही छान रहे हैं,
यही सब तो जान रहे हैं,
बिजली रामू काका की बेटी है,
जो रोज़ सुबह आठ बजे,
लकड़ियाँ लेकर हास्टल के सामने वाले ढाबे पर आती है,
और दिन भर राम खिलावन के होटल पर,
बरतन माँजते हुए बिताती है,
और शाम को सात बजे,
वो अपना कलुआ है ना,
उसके साथ टहलती है,
और जब आठ बजे घर वापस जाती है,
तो हमको देख कर एक बार ज़रूर मुस्कुराती है।

एक सज्जन थोड़ा क्रोधित-सा होते हुए बोल उठे,
'आखिर आप इस इंटरव्यू तक पहुँचे कैसे,'
हमनें उनको बतलाया कि,
हम इंटरव्यू तक वैसे ही पहुँचे हैं,
जैसे नौकरी तक पहुँचेंगे,
तभी अचानक फुनवा गनगना उठा,
और हमारे हृदय का प्रत्येक तार झनझना उठा,
हमने कहा उठाइए उठाइए,
मंत्री चाचा ही का फोन है,
सीधे तिहाड़ से ही कर रहे होंगे।

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