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पता नहीं चलता

रिश्ते-नाते
कब बन जाते हैं
पता नहीं चलता
बेगाने
कब बन जाते हैं अपने
पता नहीं चलता
रिश्ते-नाते हो जाते हैं
कब परिभाषित
कब बन जाते हैं सेतु
शीशे जैसे नाजु़क वे
कब हो जाते हैं चकनाचूर
पता नहीं चलता

२३ मई २०११

 

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