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अनुभूति में एन के सोनी की रचनाएँ—

कविताओं में-
थोड़ा-सा दर्द
शब्दों का ताना-बाना
साधारण संसार

अंजुमन में-
फटी कमीज़
धूप का टुकड़ा

  साधारण संसार

तुम मुझसे मेरा साधारण संसार न छीन सकोगे।

प्रेरित हो अनुभूति से मैं गीत लिखा करता हूँ,
हारों को गले लगाता नहीं जीत लिखा करता हूँ।
अन्तर्मन से ये उठते हुए उद्गार न छीन सकोगे,
तुम मुझसे मेरा साधारण संसार न छीन सकोगे।

भौतिक सुख छीन लिया तो इसका कैसा गम करना,
इनको संग लेकर अब तक नहीं हुआ किसी का मरना।
अन्तर्मन में जो बहती है सुखधार न छीन सकोगे
तुम मुझसे मेरा साधारण संसार न छीन सकोगे।

दीपक का जलते रहना ही धर्म हुआ करता है
जल-जल के प्रकाशी करना ही कर्म हुआ करता है।
दीपक से उसके जलने का अधिकार न छीन सकोगे
तुम मुझसे मेरा साधारण संसार न छीन सकोगे।

अपने में मस्त रहा हूँ अपने में मस्त रहूँगा,
पीड़ाये दो सब मुझको नहीं पीड़ाग्रस्त रहूँगा।
दुख-दर्द को माना सुख का आधार न छीन सकोगे,
तुम मुझसे मेरा साधारण संसार न छीन सकोगे।

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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