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अनुभूति में एन के सोनी की रचनाएँ—

कविताओं में-
थोड़ा-सा दर्द
शब्दों का ताना-बाना
साधारण संसार

अंजुमन में-
फटी कमीज़
धूप का टुकड़ा

  थोड़ा-सा दर्द

थोड़ा-सा दर्द भुला पाऊँ,
मुझे पंख मिले तो उड़ जाऊँ।

ऊँचे-नीचे, टेढ़े-मेढ़े, जीवन के रस्ते नाप लिए
काले-गोरे, झूठे-सच्चे, इन्सानों के दिल जाँच लिए।
विचरण आकाश में कर आऊँ
मुझे पंख मिले तो उड़ जाऊँ।

जीवन में सब कुछ मिला मुझे
फिर भी मन कहता थोड़ा है,
ज़्यादा पाने की इच्छा ही
इन्सानी मन का फोड़ा है।
कम-ज़्यादा को बिसरा जाऊँ,
मुझे पंख मिले तो उड़ जाऊँ।

क्षण भर की खुशियों के पीछे
क्यों लगा गमों का मेला है,
यह भीड़ भरा जग है फिर भी,
क्यों हर इन्सान अकेला है।
साथी कोई तो पा जाऊँ,
मुझे पंख मिले तो उड़ जाऊँ।

नन्हें-नन्हें पंछी नभ के
इन्सानों से तो अच्छे हैं
नहीं कभी झगड़ते देखा है,
दिल के भी सीधे-सच्चे हैं।
सच्चापन जरा चुरा लाऊँ,
मुझे पंख मिले तो उड़ जाऊँ।

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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