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अनुभूति में सोहनलाल द्विवेदी
की रचनाएँ -

कविताओं में -
अलि रचो छंद
खादी गीत
गिरिराज
नयनों की रेशम डोरी से
मातृभूमि
प्रकृति संदेश
पूजा गीत
जय राष्ट्र निशान
भारत
रे मन
वंदना
हिमालय

संकलन में -
तुम्हें नमन- युगावतार गांधी
मेरा भारत-
भारतवर्ष
वसंती हवा-
बसंत
जग का मेला- नटखट पांडे
ज्योति पर्व- जगमग जगमग

  भारत

भारत तू है हमको प्यारा,
तू है सब देशों से न्यारा।

मुकुट हिमालय तेरा सुन्दर,
धोता तेरे चरण समुन्दर।

गंगा यमुना की हैं धारा,
जिनसे है पवित्र जग सारा।

अन्न फूल फल जल हैं प्यारे,
तुझमें रत्न जवाहर न्यारे!

राम कृष्ण से अन्तर्यामी,
तेरे सभी पुत्र हैं नामी।

हम सदैव तेरा गुण गायें,
सब विधि तेरा सुयश बढ़ाएँ।

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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