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अनुभूति में मधुकर गौड़ की रचनाएँ-

गीतों में-
अग्निपथ
उजले उजले लोग
द्वंद्व ही द्वंद्व
दिनमान बदल
फूल, दर्द और आँसू

 

फूल, दर्द और आँसू

साँस साँस लिख रही जिंदगी
पल पल नयी कहानी
कब समझी जीने वालों ने
जीवन की वीरानी

मन प्राणों को फूलों ने दी
खुश होकर खुशहाली
पेड़ों ने जीवन को बाँटी
हँस कर के हरियाली
कलियों की पीड़ा को किस दिन
काँटों ने पहचानी

साँस-साँस लिख रही जिंदगी
पल-पल नयी कहानी

ऋतुओं ने आ पेंच लड़ाये
फूलों की नगरी में
अम्बर ने आह्लाद समेटे
धरती की गगरी में
जल तो सदा सहज था लेकिन
बादल था अभिमानी

साँस-साँस लिख रही जिंदगी
पल-पल नयी कहानी

नमन डालियाँ करें राह पर
वन्दनवार सजाये
तपन विरोधी हुए छाँव संग
सारे कौल निभाये
राही ने अक्सर ही की है
पेड़ों से मनमानी

साँस-साँस लिख रही जिंदगी
पल-पल नयी कहानी

३० मार्च २०१५

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