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हम कैसे माने कि --

माना कि
आप आज दुनिया में छा गए,
हम कैसे मानें कि अच्छे दिन आ गए।

शेयरों के
भाव भले आसमान छू रहे,
सूर्य-चाँद-तारे भी आँगन में चू रहे
भाजी के भाव मगर नीचे न आ गए,
तो कैसे मानें कि
च्छे
दिन आ गए।

हो सकता
है सुधरें सोने के स्वर ऐंठे,
संभव है रुपया भी डॉलर को चढ़ बैठे
लेकिन हम दाल-भात जब तक न पा गए,
तो कैसे मानें कि अच्छे
दिन
आ गए।

दिल्ली में
दीवाली जैसी हर शाम है,
दुनिया भी आ करके ठोंकती सलाम है
जब तक न दिखें गाँव-गाँव जगमगा गए,
हम कैसे मानें कि अच्छे
दिन आ गए।

२ जून २०१४

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