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अनुभूति में सरिता शर्मा की रचनाएँ-

गीतों में-
कुछ पलों के लिये
ओस गिरती है उदासी की
तन की सीपी
बेटी
मैं पिघलती बर्फ की चट्टान
रात का आकाश


सवैये में-
मीरा


मुक्तक में-
बीस मुक्तक

दोहों में-
दर्द के दोहे
प्रेम के दोहे
भक्ति के दोहे
वैराग्य के दोहे

संकलन में-
होली है- आए ऋतुराज

शुभ दीपावली- दीप
शुभ दीपावली- माटी के दीपक

 

तन की सीपी

तन की सीपी में छिपा हुआ
मन का मोती पावन दे दूँ
अब तक न मिला जो तुम्हें कहीं
आओ वह अपनापन दे दूँ

यह लपट लपट मरुथल
दो पल ठहरो तो पाँव गहूँ
चलने दो अपने साथ अगर
तो बनकर ठंडी छाँव रहूँ
जब चलो तुम्हें बादल दे दूँ
जब थमो तुम्हें
सावन दे दूँ

व्यवहार नियति का अलबेला
कुछ फूलों सा कुछ पत्थर सा
आये-जाए इस जीवन में
सुख सपने सा दुःख ठोकर सा
आओ सब सपने सच कर दूँ
ठोकर को
निर्वासन दे दूँ

तुम हँसो तुम्हारे हँसने से
कोना- कोना खिल जाता है
गाओ कि तुम्हारे गाने से
मुझको सब कुछ मिल जाता है
मन करता है इसके बदले
साँसें गिन दूँ,
जीवन दे दूँ

१ जून २००५

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