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अनुभूति में गौतम जोशी की रचनाएँ

अलग मंज़िलें
खेल आया हूँ
बचपन
बस तुझे चाहती हूँ
मलाल करते हैं
सरकारी
 

 

खेल आया हूँ

चूरण गोली की पुड़िया और बेर लाया हूँ
अपने बस्ते में आज बचपन समेट लाया हूँ

तपती दोपहर में सड़कें नापा करता था
आज उन्हीं राहों से नादानी कुरेद लाया हूँ

आम-अमरूद की टोकरी में बसती थी ज़िंदगी
फिर वही खट्टी-मीठी साँसे बिखेर लाया हूँ

वहाँ नदी थी, झरना था, लंबा पहाड़ था
साथ यादों की पूरी रेलमपेल लाया हूँ

लाने को तो मेरे बहुत कुछ था मगर
बस साथ अपने नादानी भरे खेल लाया हूँ।

9 जून 2007

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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