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अनुभूति में कृष्ण शलभ की रचनाएँ-

बाल गीतों में-
अमर कहानी
एक किरन
किरन परी
चले हवा
टेसू माँगे
धूप

अंजुमन में-
अगर सूरत बदलनी है
उसकी बातों पे
कहीं से बीज इमली के
चेहरे पर चेहरा
जाने हैं हम
हर तरफ़ घुप्प-सा

  एक किरन

एक किरन सूरज की देती
है सारे जग को उजियारा
एक दीप माटी का जल कर
पी लेता सारा अँधियारा

एक बूँद सीपी में ढल कर
बन जाती है सच्चा मोती
एक सत्य में बड़े झूठ से
लड़ जाने की ताक़त होती

एक धरा है एक गगन है
एक सुनो ईश्वर कहलाता
मिल-जुल सबसे करो प्यार तुम
बड़ा एकता का है नाता

४ जनवरी २०१०

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