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अनुभूति में कृष्ण शलभ की रचनाएँ-

बाल गीतों में-
अमर कहानी
एक किरन
किरन परी
चले हवा
टेसू माँगे
धूप

अंजुमन में-
अगर सूरत बदलनी है
उसकी बातों पे
कहीं से बीज इमली के
चेहरे पर चेहरा
जाने हैं हम
हर तरफ़ घुप्प-सा

  टेसू माँगे

टेसू माँगे चना-चबेना
माँगे दूध-मलाई जी
गर्मी माँगे हवा सुहानी
सर्दी गरम रजाई जी

टेसू माँगे दीपक बाती
बाँटे ढेर उजाला जी
सूरज बाँटे ढेरों सोना
खोल धूप का ताला जी

टेसू गाये गीत रसीले
करता हल्ला-गुल्ला जी
जाने क्या-क्या गटक गया है
अब माँगे रसगुल्ला जी

मिट्ठू माँगे हरी मिर्च तो,
चिड़िया दाना-पानी जी
बाबा जी से बिल्लू माँगे
किस्से और कहानी जी

४ जनवरी २०१०

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