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मदन मोहन अरविंद

जन्मः जनपद मथुरा के ग्राम गोकुल में २३ अगस्त १९५८ को।

संप्रतिः लेखांकन और कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के क्षेत्र से।
ब्रजभाषा और खड़ी बोली में समान रुचि के साथ साहित्य सृजन।

पिछले बीस वर्षों से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और आकाशवाणी के माध्यम से अनेकों आलेख, कविता और कहानियों का प्रकाशन-प्रसारण।

ईमेल- madanmohanarvind@gmail.com

  अनुभूति में मदन मोहन अरविंद की रचनाएँ-

नई रचनाओं में-
उनके हुक्क भरते रहना
गम से फेरे सात करेगी
जाकर मन की गहराई में
दूर उजाले पड़ जाते हैं
सच भी कितना सच है जानें

गीतों में-
कह दो किसी और घर जाए
साहिल को अपनाना हो तो
हर दुख पर इतना भर कह ले

अंजुमन में—
अच्छा लगता है
कैद हैं साँसें
कौन जाने
चुप रहना हो
छत मैं तुम आँगन
जिंदगी के जश्न
जो वफा से
डाल हिलाकर देखो
दवा हो या ज़हर
दिन गया
दिल को बहला जाती थी
देखना चाहे इधर
दोपहर हो कि शाम
नई रंगत
पत्थरों को आइना कैसे कहूँ
पतझड़ को न देना तूल
फिर वही किस्सा पुराना
बड़ी बेजोड़ ये सौग़ात होती
भूख का मतलब
मैं चला तुम भी चलो
रात सुलाती
रोज खुले मे
वक्त की दरियादिली
वक्त ने दो ग़म दिए

वही सूरत वही साया
वो टहलते वक्त
शोर भारी हो रहा है
हाथ गैरों से मिलाया

कुंडलियों में-
पाँच मौसमी कुंडलियाँ

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