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                            सर्द 
                            मौसम  | 
                           
                          
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दिन अंधेरा, रात काली 
सर्द मौसम हैदहशतों की कैद में 
लेकिन नहीं हम हैं! 
नहीं गौरैया 
यहाँ पाँखें खुजाती है 
घोंसले में छिपी चिड़िया 
थरथराती है 
है यहाँ केवल अमावस 
नहीं, पूनम है! 
गूँजती शहनाइयों में 
दब गईं चीखें 
दिन नहीं बदले 
बदलती रहीं तारीखें 
हिल रही परछाइयों-सा 
हिल रहा भ्रम है! 
वनों को, वनपाखियों का 
घर न होना है 
मछलियों को ताल पर 
निर्भर न होना है 
दर्ज यह इतिहास में 
हो रहा हरदम है! 
-- नचिकेता  | 
                           
                         
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                   इस सप्ताह 
                   गीतों में- 
                   
                   छंदमुक्त में- 
                   
                   बाल गीतों में- 
                   
                   दोहों में- 
                   
                   पुनर्पाठ में- 
                   
                   
                     
                   
                                      
                   
                   
                   पिछले सप्ताह 
                   
                      
                   २८ दिसंबर २००९ के नव 
                   वर्ष विशेषांक में 
                   
                   
                   
                    
                   
                   
                   अंबरीष 
                   श्रीवास्तव,
                   अभय कुमार 
                   यादव, 
                   अखिलेश सोनी,
                   अजेय,
                   अनिल जनविजय,
                   अशोक चक्रधर,
                   आचार्य संजीव 
                   सलिल, 
                   कमलेश कुमार 
                   दीवान, 
                   कविता किरण,
                   कुँअर 
                   रवीन्द्र, 
                   कृष्ण बिहारी,
                   गिरीश पंकज,
                   प्रो. 
                   देवेन्द्र मिश्र,
                   नंदलाल भारती,
                   निर्झर नीर,
                   निर्मला जोशी,
                   पूर्णिमा 
                   वर्मन, 
                   मनीष जैन,
                   मीना चोपड़ा,
                   रंजू भाटिया,
                   राकेश नारायण,
                   रामेश्वर दयाल 
                   कांबोज हिमांशु,
                   विनीत गर्ग,
                   वीरेन्द्र जैन,
                   श्यामल सुमन,
                   शशि पाधा,
                   हेमेन्द्र 
                   जर्मा की नव वर्ष रचनाएँ 
                   
                                      
                   
                   
                   
                   
                      
                   
                    
                   अन्य पुराने अंक 
                   
                   
                   
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