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अनुभूति में हरे राम समीप की रचनाएँ

नई रचनाओं में-
अपनी मुहब्बत बनी रहे
क्या अजब दुनिया
क्या हुआ उपवन में
तू भूख, प्यास, जुल्म
सवाल काग़ज़ पर

अंजुमन में-
दावानल सोया है कोई
बदल गए हैं यहाँ
वेदना को शब्द
स्याह रातों में
हमको सोने की कलम

दोहे-
आएगी माँ आएगी
गर्व करें किस पर
प्रश्नोत्तर चलते रहे

छंदमुक्त में-
आस न छोड़ो
कविता भर ज़मीन
धीरज
पूजा
योगफल
शब्द
शोभा यात्रा
सड़क
सेल

  शब्द

ठीक इसी तरह डटे रहना
शब्द!
अपने मोर्चे पर

डट कर करना मुक़ाबला
दैन्य से दुख से सन्नाटे से
स्वार्थ से संदेह से
शब्द! घर से चलते वक्त
ठीक से जाँच लेना
अपने अस्त्र–शस्त्र
अपना रक्षाकवच
अपने वाहन के
पहियों की हवा ब्रेक ईंधन
और दीगर सामान

शब्द
इससे पहले
कि सूरज खुदकुशी कर ले
तुम्हें ही पहुँचाना है

हरेक सिपाही तक
रसद व शस्त्र की तरह
उजास भरा मेरा मंतव्य
मेरा समर्थन
मेरी शुभकामनाएँ

शब्द
इस कठिन समय में
डटे रहना
अपने मोर्चे पर

१६ जुलाई २००७

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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