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अनुभूति में संतोष गोयल की रचनाएँ -

छंदमुक्त में-
आज का सच
गर्मी का मौसम
चक्रव्यूह
जादुई नगरी में
जो चाहा
बच्चों ने कहा था
मरना
मेरा वजूद
युद्ध
साँस लेता इंसान

क्षणिकाओं में
फैसला
प्यास

संकलन में
गुच्छे भर अमलतास- पतझर

  फैसला

सारे की इच्छा करूँ
या
थोड़े में सब्र
तमाम ज़िन्दगी यही सोचते बीत गयी
काश फैसला हमारे हाथ में होता।

प्यास

अजब हो गयी है जिंदगी आजकल
प्यास अब गले में नहीं
हाथ में लगती है
एक कुन्दा दबता है और
ढाँय ढाँय ढाँय
हाय हाय हाय।


 
 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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