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                   अनुभूति में
                  रामधारी सिंह दिनकर की  
                  रचनाएँ - 
                  
                  आग की भीख 
                  कलम आज उनकी जय बोल 
                  कवि
                   
                  गीत 
                  
                  जवानी का झंडा 
                  
                  भगवान के डाकिये 
                  वीर 
                  समरशेष है  
                  सावन में
                   
                  हिमालय
                   
                  हो कहाँ अग्निधर्मा नवीन ऋषियों 
                   
                  संकलन में - 
                  वर्षामंगल - 
                  पावस गीत 
                  गाँव में अलाव -
                  मिथिला 
                  में शरद 
                  प्रेमगीत - 
                  नामांकन 
                  मेरा भारत - 
                  ध्वजा वंदना 
                  जग का मेला - 
                  चाँद का कुर्ता 
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                  कलम, आज उनकी जय 
                  बोल कलम, आज उनकी जय बोल! 
                  जो अगणित लघु दीप हमारे, 
                  तूफ़ानों में एक किनारे, 
                  जल-जलकर बुझ गए किसी दिन- 
                  माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल! 
                  कलम, आज उनकी जय बोल! 
                  पीकर जिनकी लाल शिखाएँ, 
                  उगल रही लपट दिशाएँ, 
                  जिनके सिंहनाद से सहमी- 
                  धरती रही अभी तक डोल! 
                  कलम, आज उनकी जय बोल! 
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