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अनुभूति में मृदुल शर्मा की रचनाएँ-

नए गीतों में-
कड़ी धूप में
कुछ भी बदला नहीं
राजा रहा नचा
सोनकली

गीतों में-
आँख दिखाई है
कठिन समय है
किसी की याद आई
खत मिला
गीत छौने
जोड़ियों को तो बनाता है सदा रब
दूर ही रहो मिट्ठू

पितृपक्ष में
भूल की
यह मत पूछो
रस्मी प्रणाम से

संकलन में-
तुम्हें नमन- क्षमा बापू


 

 

आँख दिखाई है

इधर खुदा
है कुआँ उस तरफ खाई है
रब ने भी किस्मत क्या
खूब बनाई है

रोग खाट
पर भूख रसोई में सोती
हँसी खुशी से बरसों भेंट नहीं होती
पीड़ा ने आँगन में जड़ें ज
माई हैं

सपनों में
बच्चे जी भर रोटी खाते
जगते तो आश्सन उनको भरमाते
माँ के आँचल तक में पिसी
खटाई है

आसमान से
मौसम बरसाता कोड़े
धरती ने भी सभी नेह नाते तोड़े
हमको तो हर ऋतु ने आँख
दिखाई है

८ अप्रैल २०१३

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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