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सुभाष काक

सुभाष काक विद्युत अभियांत्रिकी के विद्वान प्रोफ़ेसर तथा भारतीय विद्या में निपुण और साहित्य एवं संस्कृति के सहृदय मर्मज्ञ हैं।

भारत के सुषमा–ललाम कश्मीर प्रदेश में जन्मे, उसकी स्मृतियों की धरोहर लिए अब वह विदेश में प्रवासी हैं। उनका कवि हृदय प्रकृति की सौंदर्य–संपदा से विकसित और सुशिक्षित है।

सुभाष का कविता संग्रह 'एक ताल एक दर्पण' विश्वजाल पर पढ़ा जा सकता है।

ई मेल : kak@ece.lsu.edu

 

अनुभूति में सुभाष काक की कविताएँ- 

नई कविताएँ-
एक सहेली
ग्रहण
चंद्रमा
जंगल में आग
नगर
नयनों का कोना
संवाद
सीमा पार


कविताओं में-
अंगारों का रास्ता
अनुराग और द्वेष
अश्वताल
इतिहास पुराण
एक और युद्ध
पत्ते और भाव
प्रेम का संकेत
पशु विदाई
रंग अंधेरे में
श्वेत फूल

संकलन में—
वर्षा मंगल–डरा पक्षी

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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