अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में रवींद्र स्वप्निल प्रजापति
की रचनाएँ-

नई रचनाएँ-
ओ मेरे शरीर
कुछ दिन और मैं
झील- तीन कविताएँ
मैं इश्क का दिन हुआ
सफर

छंद मुक्त में-
आज़ादी
आसमाँ
एक दृश्
कीमत
कोई आशा
तू रौशनी की तरह
दिल की दुनिया
दोस्ती
पाँच छोटी कविताएँ
मेरी नसों में बह रहा है शहर
मैंने तुम्हें
यों हमने प्यार किया
समय की चादर

 

कीमत

कीमत केवल शर्ट की नहीं होती
समय परिश्रम सीने में रखे ईमान और जीने की इच्छा का
उसमें शामिल होना ज़रूरी है
बहुत कम चीज़ों की कीमत रुपयों में होती है
हम ज़्यादातर चीज़ों की कीमतें अपने होने से चुकाते हैं

हमें भोर की लालिमा के लिए चुकाना होती है
मीठी नींद और बिस्तर की ऊब
चाँद को देखने के लिए शहर से बाहर जाने की कीमत
कार में बैठे कर काँच लगाने और सफ़र करने के लिए
हमें कीमत चुकाना होती है।

नदी के किनारे पर जाने और नहीं जाने के लिए
संगीतकार को सुनने और नहीं सुनने के लिए
चित्रकार के चित्रों को देखने और नहीं देखने के लिए
कविता को सुनने और नहीं सुनने के लिए
काम करने और नहीं करने की कीमत चुकाना होती है
हमें अपने होने के लिए एक एक सांस देना पड़ती है

पेड़ों की छाँव पाने के लिए
हवाओं में लहराने के लिए
धरती पर एक कदम चलने की कीमत चुकाना होती है
संसार में कुछ भी बेशकीमती नहीं है
कुछ भी ऐसा नहीं है जिसको कीमत न दी जा सके
कीमत केवल रुपयों से अदा नहीं होती

१६ मई २००६

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter