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नीम के फूल
पहले मन में तोल
फूल ही फूल

फूल उनके हाथ में जँचते नही
बात सचमुच
भला करता है जो
मान लूँ मै
मिलने का भरोसा
याद आए तो
याद की बरसातों में
याद भी आते क्यों हो
ये राह मुहब्बत की
लोग हसरत से हाथ मलते हैं

वो ही काशी है वो ही मक्का है
साल दर साल

`

पहले मन में तोल

पहले मन में तोल मियां
फ़िर दिल की तू बोल मियां

जो रब दे मंजूर हमें
हम तो हैं कशकोल मियां

चाहे कुछ मत काम करो
लेकिन पीटो ढोल मियां

किन रिश्तों की बात करें
सबमें दिखती पोल मियां

बातें रहतीं याद सदा
उनमें मिशरी घोल मियां

जो भी आता हाथ नहीं
लगता है अनमोल मियां

"नीरज" सच्चे मीत बिना
जीवन डाँवाडोल मियां

२० अप्रैल २००९

 


 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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