प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

१. ७. २०१३

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

1
सोनचंपा महकती रही

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

सोनचंपा महकती रही रात भर
चाँदनी सुख की झरती
रही रात भर
1

1
गंध उमगी खरी
मन की मटकी भरी
इक झरी पंखुरी थाम अँजुरी धरी
यों  त्रिभंगी  खड़ी,  ताल  की  जलपरी
हाय! सबको लगी मनभरी मनभरी
दीठि नटिनी ठुमकती
रही रात भर
1

1
कोई लाकर
सितारे यहाँ रख गया
हौले हल्दी के दीपक जलाकर गया
किसने---केसर---के---पोरों---से---चंदा---छुआ
और चंदन के छींटों से पढ़ दी दुआ
रूप गंधा लहकती
रही रात भर
1

1
दंग सावन
ने लहराई अमृत लड़ी
घर नगर द्वार, मंगल धमाचौकड़ी
छूटी बिजली की आकाश में फुलझड़ी
उत्सवों से लदी सोनचंपा खड़ी
धुन सितारों की बजती
रही रात भर
1
- पूर्णिमा वर्मन

इस सप्ताह
चंपा विशेषांक में

गीतों में-

bullet

खिले पुष्प फिर चंपा के

bullet

चंपा और चमेली कह दूँ

bullet

चंपा का बूटा

bullet

चंपा की कलिका मुस्काई

bullet

चंपा के फूल

bullet

चंपा : दो छोटे गीत

bullet

चंपा ने जब

bullet

चंपा फूला

bullet

चंपे की डाली

bullet

डाली चंपा की

bullet

फूल चंपा के सजाकर

bullet

सोन चंपा महकती रही रात भर

छंदमुक्त में-

bullet

आस्था की सुगंध

bullet

चंपा दीवार के पार

bullet

चंपई लम्हे

bullet

आँगन की चंपा

bullet

तेरे आने की खबर से

bullet

चंपा के फूल (पाँच कविताएँ)

bullet

मुक्तक में-

bullet

कली एक चंपा की

bullet

बोली चंपा इतरा के जरा

bullet

भीना भीना चंपावन

bullet

ये चंपा के फूल

bullet

छंदों में-

bullet

चंपा महका (सॉनेट)

bullet

चंपा महकी डाल पर (दोहे)

bullet

चंपा तेरी शान (दोहे)

bullet

हाइकु

अंजुमन में-

bullet

चंपा के फूल

bullet

चंपा के फूल से

bullet

डालियाँ फूलों भरी

bullet

फूल चंपा के महकते

साहित्य संगम में-

bullet

ओ चंपा ओ करबी

bullet

चंपा-फूल हाथ में लेकर

bullet

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी
 

 

१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०